Saturday 10 October 2015

Short Essay On My Favorite Festival Diwali In Hindi

Short Essay On My Favorite Festival  Diwali In Hindi

दीपावली निबंध

happy diwali essay
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दीपावली दीपो का त्यौहार है | प्रतिवर्ष पुरे भारत सहित विश्व के कोने – कोने में हिन्दू धर्मावलम्बियो द्वारा इस पर्व को पुरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है | इस त्यौहार का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है | इसे प्रकाश का त्योहार भी कहा जाता हे | प्रतिवर्ष आश्विन मास की अमावस्या को दीप जलाकर और पटाके छोडे कर इसका आनन्द  लेते है |

दीपावली क्यों मनाया जाता है इसकी पीछे अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित है | इनमे से एक प्रसिद्ध कथा है की जब भगवान राम , रावण के वध के पश्चात अयोध्या लोटे तो वो दिन अमावस्या का था | अतः लोगो ने अपने प्रिय राम के स्वागत और अँधेरे को दूर भगाने के लिए पूरी अयोध्या को दीपो से प्रज्वलित कर दिया था | अतः यह प्रथा तब से चलने लगी है | एक अन्य मान्यता के अनुसार इसी दिन धन और संम्पनता की देवी लक्ष्मी ,राजा बाली के चंगुल से आजाद हुई थी |चंद कलेंडर के अनुसार इस दिन को हिन्दू कलेंडर की प्रारंभिक तिथि अर्थात पहली तारीख भी मानी जाती है | अतः लोग इन मान्यताओ के अनुसार पुरे हर्षोउल्लास के साथ देश – विदेश के विभिन्न भागो में दीपावली मानते है |

happy diwali essay
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दीपावली के आने से कुछ दिनों पूर्व से ही लोग अपने घरो की साफ सफाई और रंग रोगन के कार्यो में लग जाते है | इसके पश्चात् लोग घरो पर विभिन्न प्रकार के बल्ब और रंगीन बल्ब से अपने घर व् बाहर आदि को सजाते है | घरो में रंगोलियाँ मनाई जाती है | अनेक प्रकार के पकवान बनाये जाते है | हर घर में गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा बिठाई जाती है | फूलो से घर के प्रवेश द्वार को सजाया जाता है | दुकानदार अपने – अपने दुकानों में भी पूजन करते है | घरो को दिए जलाकर प्रकाशित किया जाता है पूरा दिन और रात सुहावना होता है |
वैसे तो दीपावली जब भी आती है लोगो में उत्सुकता और अपने घरो को नए रूप में सजाने की बैचेनी सहज ही देखि जा सकती है , लेकिन हर वर्ष देश के विभिन्न भागो में कोई न कोई दुर्घटना जारूर हो जाती है | लोगो की नासमझी और सही तरीके से पटाखे नहीं छोड़ने के कारण कई लोग पटाखों से घायल हो जाते है | कई बार तो खलिहान , घरो और दुकानों में पटाखों से आग लग जाती है | बच्चो को तो सबसे अधिक खतरा होता है | पटाखों के अत्यधिक प्रयोग से वातावरण भी प्रदूषित हो जाता है |


अतः हमें पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों से ही इस रोचक पर्व का आनंद लेना चाहिए | पटाखों के प्रयोग के समय सावधानी बरतना चाहिए | जब भी बच्चे पटाखों का प्रयोग करे , साथ में बड़ो लोगो को उनका मार्गदर्शन करना चाहिए |

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