Friday 18 September 2015

Short Essay On “Diwali” In Hindi

Short Essay On “Diwali” In Hindi


दिवाली शब्द दीपावली शब्द से बिगड़कर बना है | इसका अर्थ है दीपकों की माला | यह बड़ा सुहावना पर्व है | यह कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है |दिवाली से एक दो दिन पहले लोग घरो की सफाई करते है | कूड़ा – करकट बाहर फेकते है | मकानों के रंग – रोंगन किया जाता है घरो को खूब सजाया जाता है | यह एक तरह से सफाई का भी पर्व है |
बाजारों में भांती – भांति की मिठाइयाँ दुकानदारो द्वारा सजाई जाती है | बच्चे सुन्दर – सुन्दर कपडे पहनकर अपने माता – पिता भाई , बहिन ,आदि के साथ बाजार जाकर मिठाइयाँ , खिलोने , चित्र , केंडिल , गुब्बारे , मोमबत्तियां आदि सामान खरीदकर लाते है | सब के मन्न बड़े प्रसन्न होते है |
दीपावली के दिन सांयकाल होते ही हम घरो के ऊपर तेल के दिए या मोमबत्तिया जलाते है | कुछ लोग बिजली की लड़ियों का इस्तेमाल कर मकानों पर रौशनी करते है | उस समय चारो और बड़ी सुन्दर दीपमाला होती है | फिर सब मिलकर मिठाइयाँ खाते है | पटाखे चलाये जाते है | और दिवाली के दिन सभी लोगो में उत्साह की धूम रहती है | व सभी लोग एक दुसरे के गले मिलते है |
लंका के राजा रावण को मरने के बाद श्री रामचन्द्रजी सीता आदि के साथ इस दिन अयोध्या में आये थे | तब अयोध्या में बडे उत्साह से दीपमाला हुई थी | हम भी उसी दिन की याद में दीपावली के दिन दीपमालाओ का प्रयोग करते है | दिवाली को कुछ लोग जुआ खेलते है जो की बुरी आदत है दिवाली मनाने से देश में नया जीवन पैदा होता है | हमारे देश में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूम – धाम से मनाया जाता है |


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