Short Essay On “Diwali” In Hindi
दिवाली शब्द दीपावली शब्द से बिगड़कर बना है | इसका अर्थ है दीपकों की
माला | यह बड़ा सुहावना पर्व है | यह कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है |दिवाली
से एक दो दिन पहले लोग घरो की सफाई करते है | कूड़ा – करकट बाहर फेकते है | मकानों
के रंग – रोंगन किया जाता है घरो को खूब सजाया जाता है | यह एक तरह से सफाई का भी
पर्व है |
बाजारों में भांती – भांति की मिठाइयाँ दुकानदारो द्वारा सजाई जाती है
| बच्चे सुन्दर – सुन्दर कपडे पहनकर अपने माता – पिता भाई , बहिन ,आदि के साथ
बाजार जाकर मिठाइयाँ , खिलोने , चित्र , केंडिल , गुब्बारे , मोमबत्तियां आदि
सामान खरीदकर लाते है | सब के मन्न बड़े प्रसन्न होते है |
दीपावली के दिन सांयकाल होते ही हम घरो के ऊपर तेल के दिए या
मोमबत्तिया जलाते है | कुछ लोग बिजली की लड़ियों का इस्तेमाल कर मकानों पर रौशनी
करते है | उस समय चारो और बड़ी सुन्दर दीपमाला होती है | फिर सब मिलकर मिठाइयाँ
खाते है | पटाखे चलाये जाते है | और दिवाली के दिन सभी लोगो में उत्साह की धूम
रहती है | व सभी लोग एक दुसरे के गले मिलते है |
लंका के राजा रावण को मरने के बाद श्री रामचन्द्रजी सीता आदि के साथ
इस दिन अयोध्या में आये थे | तब अयोध्या में बडे उत्साह से दीपमाला हुई थी | हम भी
उसी दिन की याद में दीपावली के दिन दीपमालाओ का प्रयोग करते है | दिवाली को कुछ लोग
जुआ खेलते है जो की बुरी आदत है दिवाली मनाने से देश में नया जीवन पैदा होता है | हमारे
देश में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूम – धाम से मनाया जाता है |
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