Essay On Diwali In Hindi Language
हिंदी निबंध :
दीपावली
दीपावली का अर्थ है
दीपो की पंक्ति | दीपावली शब्द ‘दीप’ एंव ‘आवली’ की संधि से बना है | आवली अर्थात
पंक्ति | इस प्रकार दीपावली शब्द का अर्थ है , दीपो की पंक्ति | भारतवर्ष में
मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों द्रष्टि
से अत्यधिक महत्व है | इसे दीपोत्सव भी कहते है | ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात्
‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर
गमन’।
दीप जलाने की प्रथा
के पीछे अलग – अलग कारण या कहानियां है | हिन्दू मान्यताओ में राम भक्तो के अनुसार
कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री रामचन्द्रजी चोदह वर्ष का वनवास काटकर तथा असुरी
वृतियो के प्रतिक रावण आदि का संहार करके अयोध्या लोटे थे |
तब अयोध्यावासियो ने
राम के राज्यारोहन पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था | इसलिए दीपावली हिन्दुओ
के प्रमुख त्योहारों में से एक है | कृष्ण भक्तिधारा के लोगो का मत है की इस दिन
भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था | इस न्रशंस राक्षस के
वध से जनता में अपार हर्ष फ़ैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगो ने घी के दीप जलाये |
एक पुराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरनकश्यप का वध किया था
तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात् लक्ष्मी व् धन्वन्तरी प्रकट हुए |
जैन मतावलंबियो के
अनुसार चोबीसवें तीर्थकर महावीर स्वामी का निर्वान दिवस भी दीपावली को ही है |
सिक्खों के लिए भी दिवाली महत्पूर्ण है क्युकी इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में
स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था इसके अलावा 1619 में दिवाली के दिन सिक्खों के
छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था |
नेपालियों के लिए ये
त्यौहार इसलिए महान है क्युकी इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है |
पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व् महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही
हुआ | इन्होने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय ‘ओम’ कहते हुए समाधी ले ली
| महर्षि दयानंद ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के
निकट अवसान लिया | इन्होने आर्य समाज की स्थापना की |
हिन्दुओ में इस दिन
लक्ष्मी के पूजन का विशेष विधान है |
रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मीजी , विध्न –
विनाशक गणेश जी और विद्या एंव कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती देवी की पूजा –
आराधना की जाती है |
ब्रहमपुराण के
अनुसार कार्तिक अमावस्या की इस अंधेरी रात्रि अर्थात अर्धरात्रि में महालक्ष्मी
संवय भूलोक में आती है और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती है | जो घर हर
प्रकार से स्वच्छ , शुद्ध और सुन्दर तरीके से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है
वहां अंश रूप में ठहर जाती है और गंदे
स्थानों की तरफ देखती भी नहीं |
इसलिए इस दिन घर –
बाहर को खूब साफ – सुथरा करके सजाया – संवारा जाता है | कहा जाता है की दीपावली
मनाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सद्ग्रह्स्थो के घर निवास करती है
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